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लेखनी प्रतियोगिता -02-Jun-2024


#दिनांक:- 2/6/2024
#शीर्षक:- उमंग जगाना होगा

पत्थर पेट में बांधकर,
कब तक भूख सहेगी जिन्दगी ??
कैसे बदलेगी फुटपाथ की जिन्दगी ??
दो जून की रोटी के लिए,
कब तक शरीर तपायेगी जिन्दगी ??
सड़क इनका रैन बसेरा,
बच्चे थामे हाथ में कटोरा,
क्या ऐसी ही चलेगी जीवन भर जिन्दगी ??
जीवनपर्यंत कटेगी ऐसी कैसी जिन्दगी??
जागो बदलो खुद अपनी किस्मत
अपनी जिन्दगी ।
साक्षरता को बढ़ाना होगा,
बच्चे-बच्चे को पढ़ाना होगा,
एकरुपता का उमंग जगाना होगा,
जातिवाद को मिटाना होगा,
अलख, संघर्षरत जीवन में,
आत्मनिर्भरता का जगाना होगा,
हाँ-हाँ मानव से मानव का,
हर द्वेष मिटाना होगा ।
जागृत जब हो जायेगा हर नर,
सरस्वती पहुंच जायेगी घर-घर,
खुशहाल बन जायेगी सबकी जिन्दगी,
फिर नहीं रहेगी फुटपाथ पर जिन्दगी |


रचना मौलिक, अप्रकाशित, स्वरचित और सर्वाधिकार सुरक्षित है|
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई


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2 Comments

Gunjan Kamal

03-Jun-2024 08:34 AM

👏🏻👌🏻

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RISHITA

02-Jun-2024 03:26 PM

Amazing

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